प्राकाशम जिले के अनंतवाड़म गांव के निकट तनगुटुरु मंडल स्थित दो झींगा फार्म — गोल्डन एक्वा फार्म और राम ब्रदर्स एक्वा फार्म — में पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और NGO की संयुक्त राहत अभियान के तहत कुल 40 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया है। इन मजदूरों में ओडिशा से 17 तथा छत्तीसगढ़ से 23 लोग शामिल हैं, जिनमें एक नाबालिग और 11 महिलाएं भी थीं। यह कार्रवाई सप्ताहांत के दौरान की गई।
श्रमिकों को आकर्षक ₹15,000 की अग्रिम राशि और “सुविधाजनक कार्य” का स्वप्न दिखाकर वहां लाया गया था, लेकिन वास्तविकता में वे असहनीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर थे — जैसे मछली तालाब खोदना, झींगा खिलाना, बिना भोजन, आराम या मजदूरी के कार्य करना। उनकी मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए थे और कई मामलों में चेतावनी एवं हिंसा का सामना करना पड़ा।
प्राकाशम कलेक्टर तमिम अंसारिया ने राहत प्रमाणपत्र जारी कर उन्हें उनके गृह राज्यों में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की, वहीं झींगा इकाइयों के संचालन प्रबंधन के खिलाफ बंधुआ मजदूरी उन्मूलन, बाल मजदूरी आवेदन अधिनियम, और न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह घटना आंध्र प्रदेश में गुप्त बंधुआ मजदूरी के खिलाफ चला रहा अभियान और प्रवचनात्मक श्रम शोषण का सामना करने की निरंतर कार्रवाई का हिस्सा है। प्रशासन की यह प्रतिक्रिया श्रम न्याय सुनिश्चित करने में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।