गाज़ा सिटी में इज़रायल की सैन्य कार्रवाई सोमवार को और तीव्र हो गई है, जिससे वहां के दो अस्पताल—अल-रानतीसी बाल अस्पताल और आई हॉस्पिटल—अपरेशन बंद करने को मजबूर हुए।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि आस-पास बमबारी और विस्फोटों ने अस्पतालों को इतना क्षतिग्रस्त कर दिया कि मरीजों का अस्पताल पहुँच पाना भी खतरे से खाली नहीं रहा।
इधर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल है: बहुत से देश जैसे फ्रांस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम ने संयुक्त राष्ट्र के समारोहों में फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता देने की घोषणा या विचार किया है।
उन देशों का तर्क है कि यह कदम मध्य पूर्व में शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप हो सकता है।
हालाँकि, इज़रायल ने फिलिस्तीनी राज्य के विचार का विरोध जारी रखा है, और प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि वे किसी ऐसे स्थिति को स्वीकार नहीं करेंगे।
इस बीच, गाज़ा में मानवीय संकट गहराता जा रहा है—स्वास्थ्य सुविधाएँ बाधित हैं, सुरक्षा का बुनियादी नेटवर्क टूट रहा है, और आम नागरिकों पर युदध के असर साफ दिख रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सजगता की जरूरत है।