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Angioplasty: क्या होती है एंजियोप्लास्टी? इलाज के बाद इन 4 चीजों को लेकर रहना चाहिए अलर्ट

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बीसीसीआई अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की शनिवार को अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें कोलकाता के वुडलैंड्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. रिपोर्ट की मानें तो सुबह वर्कआउट सेशन के बाद गांगुली के सीने में अचानक दर्द उठा और उन्हें चक्कर आने लगे.

इसके बाद परिजनों ने उन्हें तुरंत अस्पताल में एडमिट कराया. अस्पताल में 48 साल के गांगुली की एंजियोप्लास्टी की गई, जिसके बाद उनकी हालत में सुधार बताया जा रहा है. आइए आपको बताते हैं कि एंजियोप्लास्टी क्या होती है और सेहत को इससे क्या फायदे-नुकसान हो सकते हैं.

एंजियोप्लास्टी एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है. मेडिकल भाषा में इन रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी आर्टरीज़ कहते हैं. डॉक्टर अक्सर दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी समस्याओं के बाद एंजियोप्लास्टी का सहारा लेते हैं.

इस प्रक्रिया को पर्क्यूटेनियस ट्रांस्लुमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी भी कहा जाता है. कई मामलों में डॉक्टर एंजियोप्लास्टी के बाद कोरोनरी आर्टरी स्टेंट भी रक्त वाहिकाओं में डालते हैं.

ये स्टेंट नसों में रक्त प्रवाह को फिर से दुरुस्त करने का काम करता है. दिल का दौरा पड़ने के बाद आदर्श रूप से एक से दो घंटे के भीतर मरीज की एंजियोप्लास्टी हो जानी चाहिए.

लेजर एंजियोप्लास्टी में भी कैथेटर का प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसमें बैलून की जगह लेजर की मदद ली जाती है. इसमें लेजर को प्लाक तक लेकर जाते हैं और फिर बंद पड़ी धमनी को वेपराइज कर खोलने की कोशिश की जाती है.

जबकि एथरेक्टॉमी का इस्तेमाल उस वक्त किया जाता है, जब बैलून या लेजर एंजियोप्लास्टी से भी किसी सख्त प्लाक को न हटाया जा सके.

सोसायटी फॉर कार्डियोवस्क्यूलर एंजियोग्राफी एंड इंटरवेंशन्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एंजिप्लास्टी से किसी इंसान की जान बचाई जा सकती है. ये बंद पड़ी धमनियों में रक्त प्रवाह को पुन: दुरुस्त करने का सबसे तेज तरीका है. जितनी जल्दी एंजियोप्लास्टी होगी, हृदय की मांसपेशियों को उतना कम नुकसान होगा.

हार्ट अटैक की वजह से सांस में तकलीफ या छाती में दर्द के वक्त भी एंजियोप्लास्टी राहत देती है. इससे ब्लड क्लॉट्स और हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो सकता है.

एंजियोप्लास्टी सफलतापूर्वक होने के बाद डॉक्टर मरीज को पहले से ज्यादा सावधान रहने की सलाह देते हैं. डॉक्टर की सलाह पर मेडिकेशन लेते रहें. अगर धूम्रपान के आदी हैं तो इसे छोड़ देने में ही भलाई है. एक अच्छी और बैलेंस डाइट फॉलो करना जरूरी है. ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रोल लेवल को घटाने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए.

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