पंजाब विधानसभा में “शॉल ग्रंथों की बेअदबी” को लेकर सख्त बिल पेश किया गया, जिसमें 10 वर्षों से लेकर उम्रकैद तक की सजा और ₹10 लाख तक का जुर्माना प्रस्तावित है। इसके अलावा, पुण्य ग्रंथों की बेअदबी के लिए उकसाने या साज़िश रचने वालों को 3–5 साल कारावास और ₹3 लाख तक का जुर्माना भी तय किया गया है ।
बिल में उल्लिखित गृहग्रंथों में गुरु ग्रंथ साहिब, गीता, कुरान, और बाइबिल शामिल हैं, और इसके तहत DSP या उससे ऊपर के अधिकारियों द्वारा ही जांच संभव होगी । बिल सत्र में शुक्रवार को वाद-विवाद के बाद इसे सेलेक्ट कमिटी को भेजने की योजना है ।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे “The Punjab Prevention of Offences Against Holy Scripture(s) Act, 2025” कहा है। यह पाकिस्तान विरोधी नारेबाज़ी और लव-जिहाद विवादों से अलग, धर्म और आस्था की रक्षा के उद्देश्य से लाया गया है।
बिल को लेकर विधानसभा में विपक्ष ने 48 घंटे का समय लिया जाना उचित बताया है। यदि पारित हो गया, तो यह पंजाब का एक लंबित संवैधानिक-मूल्य कानून होगा, जिसमें ऐसी हरकतों के खिलाफ प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित हो सकेगी।