भारत सरकार ने अपने पुराने और दुर्घटनाग्रस्त हो चुके चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों को बदलने के लिए 200 आधुनिक हल्के हेलिकॉप्टरों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में एक सूचना (RFI) जारी की है, जिसके तहत भारतीय सेना के लिए 120 और भारतीय वायुसेना के लिए 80 हेलिकॉप्टरों की आवश्यकता है।
यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत देश में निर्मित हेलिकॉप्टरों की खरीद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। नई हेलिकॉप्टरों की श्रेणी ‘रिकोनिसेंस और सर्विलांस हेलिकॉप्टर’ (RSH) होगी, जो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निगरानी, बचाव और विशेष मिशनों के लिए उपयुक्त होंगी।
चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों की उम्र 30 से 50 वर्ष के बीच है और ये अब अपनी तकनीकी जीवन सीमा (TTL) के करीब पहुंच चुके हैं। इनकी सुरक्षा मानकों में कमी और दुर्घटनाओं की उच्च दर के कारण इन्हें बदलने की आवश्यकता महसूस की गई है, जो कि मिग-21 विमानों की तुलना में भी अधिक है।
इस पहल से न केवल सेना और वायुसेना की परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग को भी मजबूती मिलेगी। रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में आपूर्तिकर्ताओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं, और उम्मीद है कि 2027 तक इन हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।