पहाड़ों में रिसकर तबाही मचा रहा बारिश का पानी, दो महीने में 78 लोगों की मौत

उत्तराखंड में मानसून की बारिश घातक सिद्ध हो रही है। दो महीने पहले शुरू हुई बारिश के बाद से प्राकृतिक आपदाओं में 78 लोग मौत के मुंह में चले गए, जबकि 47 लोग घायल हुए हैं, वहीं 18 अब भी लापता हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक मृत्यु भूस्खलन के कारण हुई हैं।

राज्य का कोई ऐसा पर्वतीय जिला नहीं है, जहां भवनों और सड़कों को भूस्खलन के कारण नुकसान नहीं पहुंचा हो। विशेषज्ञों की मानें तो बारिश का पानी पहाड़ों में रिसकर भूस्खलन का बड़ा कारण बन रहा है। इस वर्ष मार्च में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) भूस्खलन पर आधारित मानचित्र रिपोर्ट में उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में भूस्खलन से खतरा बताया था।

हिमालयी क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील है। एनआरएसी की रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत अध्ययन होना चाहिए। भूस्खलन से वास्तविक नुकसान कितना है। कितनी आबादी को वह प्रभावित कर रहा है। इससे नीति नियामक यह तय कर सकते हैं कि उन्हें किस तरह की योजना बनानी है।

मुख्य समाचार

देहरादून: सीएम धामी ने किया ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के तहत विभिन्न दुकानों का भ्रमण

देहरादून| मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर,...

सिर्फ H-1B नहीं: आश्रित और छात्र वीज़ा में गिरावट से भारत को बड़ा झटका

अमेरिका द्वारा दिए जाने वाले आश्रित (dependent) और छात्र...

Topics

More

    सिर्फ H-1B नहीं: आश्रित और छात्र वीज़ा में गिरावट से भारत को बड़ा झटका

    अमेरिका द्वारा दिए जाने वाले आश्रित (dependent) और छात्र...

    Related Articles