पश्चिम बंगाल विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार को भारी हंगामे और मारपीट का गवाह बना। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की और मारपीट हुई, जिसमें भाजपा के व्हिप प्रमुख गंभीर रूप से घायल हो गए।
हंगामे के बीच विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को भी मारपीट और अव्यवस्था फैलाने का दोषी मानते हुए सदन से निलंबित कर दिया गया। भाजपा विधायकों ने इस फैसले का विरोध किया और सदन में नारेबाजी करते हुए बाहर चले गए।
घटना की शुरुआत उस समय हुई जब विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर चर्चा की मांग की। इस पर दोनों पक्षों के विधायक आमने-सामने आ गए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि विधानसभा में सुरक्षा कर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
TMC नेताओं ने भाजपा पर जानबूझकर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है।
इस विवाद ने एक बार फिर बंगाल की राजनीति में सत्ता और विपक्ष के बीच गहराते टकराव को उजागर किया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी पंचायत और लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे टकराव और बढ़ सकते हैं।