चीन की गुप्त रणनीति से पीएम मोदी के लिए चिंता, पाकिस्तान और बांग्लादेश को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक नई चिंता उभरी है, क्योंकि हाल के विश्लेषणों से संकेत मिलता है कि चीन भारत के खिलाफ गुप्त रणनीतियों पर काम कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश का उपयोग संभावित उपकरणों के रूप में किया जा सकता है। यह परिकल्पना “पर्ल्स की माला” सिद्धांत से मेल खाती है, जिसमें चीन ने पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीव जैसे देशों में रणनीतिक बंदरगाहों और सुविधाओं में निवेश किया है, जिससे भारत की समुद्री सीमाओं के पास चीन की उपस्थिति बढ़ रही है।

चीन की खुफिया गतिविधियाँ भी भारत में चिंता का विषय रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल में स्थापित चीनी अध्ययन केंद्रों का उपयोग भारतीय गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, चीनी हैकर्स द्वारा भारतीय सरकारी संस्थाओं और सैन्य प्रतिष्ठानों पर साइबर हमले किए गए हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताएँ बढ़ गई हैं।

चीन की ये गतिविधियाँ प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के लिए रणनीतिक चुनौतियाँ प्रस्तुत करती हैं, क्योंकि उन्हें इन बढ़ते खतरों का सामना करने के लिए प्रभावी नीतियाँ और सहयोग विकसित करने की आवश्यकता है।

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