मायावती का आरोप: पीएम-सीएम हटाने वाले बिल से लोकतंत्र कमजोर होगा

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने 21 अगस्त 2025 को संसद में पेश किए गए 130वें संविधान संशोधन बिल की आलोचना करते हुए इसे “लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कदम” बताया। मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘X’ पर कहा कि यह बिल मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में लोकतंत्र को कमजोर करने वाला प्रतीत होता है।

उन्होंने आशंका जताई कि सत्ताधारी दल इसका दुरुपयोग अपने स्वार्थ और राजनीतिक द्वेष के लिए कर सकते हैं। उन्होंने सरकार से इस बिल पर पुनर्विचार करने की अपील की, ताकि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान की रक्षा की जा सके।

यह बिल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों तक हिरासत में रहने पर उनके पद से हटाने का प्रावधान करता है। सरकार का कहना है कि यह कदम राजनीतिक जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, जबकि विपक्षी दलों का कहना है कि यह संविधान और संघीय ढांचे के खिलाफ है, और इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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