उत्तर दिल्ली में हुई लोकसभा व विधानसभा चुनावों (मार्च–जून 2024) से सम्बंधित चुनाव व्यय की रिपोर्ट में कांग्रेस को दूसरी सबसे अधिक खर्च करने वाला दल बताया गया है। लेकिन बीजेपी ने इस मामले में सबसे उच्चतम राशि खर्च की, लगभग ₹1,494 करोड़, जो कुल चुनाव खर्च का करीब 44.56% है ।
इसके दूसरे स्थान पर कांग्रेस ने लगभग ₹620 करोड़ खर्च किए, जो कुल व्यय का लगभग 18.5% है । रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने मिलकर लोकसभा व चार राज्यों की विधानसभा चुनावों पर कुल ₹3,352.81 करोड़ खर्च किया । इनमें राष्ट्रीय दलों का हिस्सा 65.75% (₹2,204 करोड़) था ।
खर्च के अंदर सबसे बड़ा हिस्सा विज्ञापन व प्रचार पर गया—लगभग ₹2,008 करोड़ (53% से अधिक)—जबकि यात्रा पर ख़र्च लगभग ₹795 करोड़ रहा । इसके अलावा उम्मीदवारों को दिए गए एकमुश्त भुगतान में ₹402 करोड़, वर्चुअल प्रचार में ₹132 करोड़, और आपराधिक पृष्ठभूमि प्रकाशित करने पर ₹28 करोड़ खर्च हुए ।
रिपोर्ट ADR द्वारा तैयार की गई थी और इसमें चुनाव आयोग के नियमों के तहत ₹90/75 दिनों के भीतर जरूरी प्रस्तुतियों की देरी व पारदर्शिता को लेकर चिंताएं भी उभरीं ।
विश्लेषकों का मानना है कि BJP‑केंद्रित प्रचार और भारी वित्तीय निवेश ने चुनावी मैदान में उसे प्रमुख बढ़त दिलाई। वहीं, ADR ने आगे ई–चेक, RTGS जैसी पारदर्शी वित्तीय विधियों व चुनाव खर्च पर सख्त निगरानी की भी सिफारिश की है ।