केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाले ‘Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025’ को लोकसभा में पेश करने की तैयारी के बीच कर्नाटक के IT-बायोटेक मंत्री प्रियंक खड़गे ने केंद्र सरकार की इस नीति पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे “knee-jerk blanket ban” करार देते हुए चेतावनी दी कि इससे रोजगार, राजस्व और डिजिटल नवाचार को भारी नुकसान होगा ।
खड़गे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस तरह के प्रतिबंध से भारत की गेमिंग प्रतिभा और उद्यमी विदेश चले जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र से वर्तमान में GST और आयकर के माध्यम से लगभग ₹20,000 करोड़ वार्षिक राजस्व प्राप्त हो रहा है, और देश में 2,000 से अधिक गेमिंग स्टार्टअप्स और 2 लाख से अधिक नौकरियाँ जुड़ी हुई हैं । उन्होंने साथ ही बताया कि पिछले पांच वर्षों में इस उद्योग में ₹23,000 करोड़ विदेशी निवेश आया है और वार्षिक ₹7,000 करोड़ की विज्ञापन, डेटा सेंटर, सुरक्षा आदि सेवाएँ भी शामिल हैं ।
प्रस्तावित बिल के समर्थन में सरकार ने गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर 3 साल की जेल और ₹1 करोड़ तक जुर्माने का प्रावधान रखा है, जबकि विज्ञापन पर दो साल की जेल और ₹50 लाख का जुर्माना भी लागू होगा । वहीं, उद्योग संघों ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी है कि यह प्रतिबंध इंडस्ट्री को तहस-नहस कर सकता है, जिससे लगभग ₹20,000 करोड़ टैक्स राजस्व की वसूली बंद हो जाएगी और करोड़ों उपयोगकर्ता असुरक्षित ऑफशोर प्लेटफार्मों की ओर धकेले जाएंगे ।