उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में 300 से ज्यादा पुरानी “क्लास बी” पुलों की वहन क्षमता बढ़ाने के महत्वाकांक्षी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत इन पुलों को ‘क्लास ए’ के समकक्ष बनाया जाएगा, ताकि वे भारी वाहन, मशीनरी और सेना के उपकरण (70 टन तक) सुरक्षित रूप से सह सकें।
इस परियोजना को एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) की वित्तीय भागीदारी से संचालित किया जाएगा, जबकि राज्य सरकार उसकी 10 % लागत वहन करेगी। योजना के अनुसार प्रारंभिक चरण में 296 किए जा चुके पुलों पर कार्य प्रारंभ होगा, जिनमें से कुछ में चौड़ाई और लंबाई बढ़ाने का भी लक्ष्य है । कुल लागत लगभग ₹1,610–1,650 करोड़ आंकी गई है, जिसमें पुलों की मजबूती व भूस्खलन‑प्रवण क्षेत्रों को भी ध्यान में रखा गया है ।
यह परियोजना न सिर्फ औद्योगिक माल ढुलाई और सेना की तैनाती को सुगम बनाएगी, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत एवं बचाव कार्यों को भी मजबूती देगी। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इन पुलों की पहचान कर डीपीआर तैयार कर लिया है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह प्रदेश की भौगोलिक एवं सामरिक आवश्यकताओं को देखते हुए कारगर कदम है।
इस कदम से न केवल सीमा क्षेत्रों को सुदृढ़ किया जाएगा, बल्कि उद्योगों, पर्यटन और आम जनता को बेहतर सड़क सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण कनेक्टिविटी मिलेगी। कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा और यह सुधार वर्ष 2025–26 के भीतर प्रभाव दिखाएगा।