भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय सेना की एक शाखा में महिला और पुरुषों के लिए आरक्षण (कोटा) लागू करने को “मनमाना” और “संवैधानिक” के खिलाफ करार दिया है। अदालत ने कहा कि सेना में भर्ती के लिए समान अवसर प्रदान किए जाने चाहिए, और किसी भी लिंग के आधार पर आरक्षण लागू करना अनुचित है। यह निर्णय सेना की भर्ती प्रक्रिया में समानता और निष्पक्षता की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सेना की भर्ती प्रक्रिया में लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता, और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिलना चाहिए। इस निर्णय से यह संदेश जाता है कि भारतीय सेना में भर्ती में निष्पक्षता और समानता सर्वोपरि है।
यह निर्णय भारतीय सेना की भर्ती प्रक्रिया में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में भर्ती के लिए समान अवसर सुनिश्चित करेगा।