राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आगामी जाति जनगणना के बाद आरक्षण नीतियों की व्यापक समीक्षा की मांग की है। उन्होंने इस कदम को सामाजिक न्याय की दिशा में एक परिवर्तनकारी क्षण बताया है।
तेजस्वी यादव ने पत्र में कहा कि जाति जनगणना केवल पहला कदम है और इसके आंकड़ों का उपयोग सामाजिक सुरक्षा और आरक्षण नीतियों की समग्र समीक्षा के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने आरक्षण पर लगाए गए “मनमाने कैप” पर पुनर्विचार की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने आगामी परिसीमन अभ्यास में जाति जनगणना के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, ओबीसी और ईबीसी जैसे हाशिए पर पड़े समूहों को पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने की मांग की।
तेजस्वी यादव ने निजी क्षेत्र और उच्च न्यायपालिका में भी ओबीसी के लिए आरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया, यह तर्क देते हुए कि निजी क्षेत्र, जो सार्वजनिक संसाधनों से लाभान्वित होता है, सामाजिक न्याय के उद्देश्यों से अछूता नहीं रह सकता।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि जाति जनगणना के आंकड़ों का उपयोग वास्तविक सुधारों के लिए नहीं किया गया, तो यह केवल एक और आयोग की रिपोर्ट बनकर रह जाएगी।