केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में दिव्यांग हुए व्यक्तियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का मसौदा जारी किया है। यह SOP दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समर्पित एंबुलेंस, प्रशिक्षित प्राथमिक उपचारक, सुलभ परिवहन सेवाएं और पुनर्वास योजनाओं को अनिवार्य करता है। इसमें दुर्घटना रिपोर्टिंग को यूनिक डिसेबिलिटी ID (UDID) प्रणाली से जोड़ने का प्रस्ताव है, जिससे मुआवजा प्रक्रिया में पारदर्शिता और तत्परता सुनिश्चित हो सके।
SOP में सड़क और परिवहन संरचनाओं को दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत सुलभ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। इसमें टैक्टाइल पथ, रैंप, सुलभ क्रॉसिंग, श्रवण संकेत, लो-फ्लोर बसें और प्राथमिक सीटें शामिल हैं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को नियमित रूप से सुलभता ऑडिट करने की आवश्यकता होगी।
आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए पुलिस, पैरामेडिक्स और गुड समैरिटन्स को दिव्यांगता के संकेत पहचानने और पीड़ितों को उचित सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। एंबुलेंस में रैंप और समायोज्य स्ट्रेचर होंगे, जबकि ट्रॉमा सेंटरों को राष्ट्रीय संस्थानों और क्षेत्रीय केंद्रों से जोड़ा जाएगा।
पुनर्वास योजना में फिजियोथेरेपी, व्यावसायिक चिकित्सा, मानसिक परामर्श और सहायक उपकरणों की आपूर्ति शामिल है। मुआवजे के लिए जिला सड़क सुरक्षा समितियों को राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। संदिग्ध मामलों में, पीड़ितों को पुनः परीक्षण के लिए मान्यता प्राप्त अस्पतालों में भेजा जाएगा।