अमेरिकी ट्रेज़री होल्डिंग्स में उलटफेर: चीन तीसरे नंबर पर खिसका, ब्रिटेन ने छीनी दूसरी जगह

अमेरिकी वित्त विभाग की ताज़ा TIC (ट्रेजरी इंटरनेशनल कैपिटल) रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2025 में चीन के पास रखे गए यूएस ट्रेज़री बॉन्ड का स्टॉक 7 अरब डॉलर घटकर 7,68 अरब डॉलर रह गया। इसके साथ ही वह जापान (1.16 खरब डॉलर) के बाद तीसरे स्थान पर आ गया है। वहीं ब्रिटेन ने अपनी होल्डिंग 13 अरब डॉलर बढ़ाकर 8,12 अरब डॉलर कर ली, जिससे वह दूसरी सबसे बड़ी विदेशी धारक अर्थव्यवस्था बन गया।

विश्लेषकों के मुताबिक चीन लगातार अमेरिकी सरकारी बॉन्ड कम कर रहा है ताकि डॉलर पर निर्भरता घटाकर युआन को अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में आगे बढ़ाया जा सके और घरेलू तरलता जरूरतें पूरी की जा सकें। दूसरी ओर ब्रिटेन की बढ़ी हिस्सेदारी को लंदन स्थित वैश्विक फंड घरानों की खरीद तथा डॉलर-संपत्ति की सेफ-हेवन मांग से जोड़ा जा रहा है।

अमेरिकी ट्रेजरी बाजार में बदलाव से वैश्विक वित्तीय धाराएं पुनर्संतुलित हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि चीन अपनी बिक्री रफ्तार तेज करता है, तो लंबे मियाद के अमेरिकी बैंचमार्क बॉन्ड पर प्रतिफल (यील्ड) उपर की ओर दबाव में आ सकते हैं, जिसका असर उभरती अर्थव्यवस्थाओं की पूंजी लागत पर पड़ेगा।

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