उत्तर प्रदेश पुलिस में जनवरी–फरवरी 2025 में हुई अभूतपूर्व भर्ती में कुल 60,244 कांस्टेबल चुने गए, लेकिन उनमें से करीब 3,500 जवान ट्रेनिंग छोड़ दी, जिससे बड़े पैमाने पर परेशान दृश्य उभरे। यह जानकारी संकेत देती है कि चयन प्रक्रिया तो पारदर्शी रही, लेकिन प्रशिक्षण सुविधाओं और माहौल में गंभीर गलती रही ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य के 112 प्रशिक्षण केंद्रों में मूलभूत नौ महीने का प्रशिक्षण शुरू किया—जिसमें से पहले चरण में पांच‑दिवसीय बिहेवियरल कोर्स शामिल था । हालांकि ये प्रयास आधुनिक थे, लेकिन परेशानियों के बीच कुछ प्रशिक्षु ड्यूटी को बजाए प्रशिक्षण केंद्रों पर विरोध शुरू कर दिया। विशेषकर गोरखपुर PAC बैटलियन में महिलाओं के लिए अपमानजनक एवं अस्वच्छ पर्यटन सुविधाओं को लेकर लगभग 1,600 महिला प्रशिक्षुओं ने विरोध किया। इसके परिणामस्वरूप दो वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया गया ।
सरकार ने तुरंत 29 PAC बैटलियनों और पोस्टों में सुरक्षा, स्वच्छता, पानी, बिजली आदि सुविधाओं में सुधार का आदेश जारी किया। इसके साथ ही सभी प्रशिक्षण केंद्रों में SOP लागू करने, feedback सिस्टम बनाने, महिला प्रशिक्षुओं के लिए महिला वॉर्डन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए ।
उच्च अधिकारियों ने स्वीकार किया कि ट्रेनिंग छोड़ने वालों में बड़ी संख्या उन्हीं जगहों से है जहां सुविधाएं नाजुक थीं। अब सरकार प्रशिक्षु सुरक्षा माहौल सुधारने, प्रशिक्षण संरचना अधिक सुव्यवस्थित करने और dropout को रोकने के लिए ठोस कदम उठा रही है।