भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन 12 सितंबर 2025 को शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें यह शपथ दिलाएंगी। राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में 452 वोट प्राप्त कर विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया। इस चुनाव में कुल 767 सांसदों ने मतदान किया, जिसमें 15 वोट अवैध घोषित किए गए। राधाकृष्णन की जीत को राष्ट्रीयता की विचारधारा की जीत के रूप में देखा जा रहा है।
शपथ ग्रहण समारोह की तिथि की घोषणा बुधवार को की जाएगी। राधाकृष्णन को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देना होगा, जिसे वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने राधाकृष्णन को उनकी जीत पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राधाकृष्णन का जीवन समाज की सेवा और गरीबों व वंचितों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित रहा है।
राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर विविध रहा है। वे तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष, कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद, और महाराष्ट्र, झारखंड, तेलंगाना, और पुडुचेरी के राज्यपाल रह चुके हैं। उनकी नियुक्ति से भाजपा और एनडीए के नेतृत्व में विश्वास और स्थिरता का संकेत मिलता है।
राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति बनने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक संघवाद को बढ़ावा देने की बात की है। उन्होंने कहा कि मजबूत लोकतंत्र केंद्र और राज्यों के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों पर निर्भर करता है। उनकी यह सोच भारत की लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने में सहायक होगी।