फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन और भारत की टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने एक ऐतिहासिक समझौते के तहत हैदराबाद में राफेल लड़ाकू विमानों के फ्यूज़लाज (मुख्य ढांचे) का निर्माण करने का निर्णय लिया है। यह पहली बार है जब राफेल के किसी प्रमुख हिस्से का निर्माण फ्रांस के बाहर किया जाएगा, जो भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इस साझेदारी के अंतर्गत, हैदराबाद में एक अत्याधुनिक उत्पादन सुविधा स्थापित की जाएगी, जहां राफेल के मुख्य संरचनात्मक हिस्सों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें पिछला भाग, केंद्रीय ढांचा और अगला भाग शामिल हैं। उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2027-28 से प्रति माह दो पूर्ण फ्यूज़लाज का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
यह पहल न केवल भारतीय वायुसेना के लिए भविष्य में 114 बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में सहायक होगी, बल्कि भारत को वैश्विक एयरोस्पेस आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी।
इस समझौते से भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे देश की आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी सुनिश्चित होगी।