रक्षा मंत्रालय ने 15 सितंबर 2025 को ‘रक्षा खरीद मैनुअल (DPM) 2025’ को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों के लिए राजस्व श्रेणी की खरीद प्रक्रिया को सरल, त्वरित और पारदर्शी बनाना है। यह मैनुअल रक्षा मंत्रालय के तहत लगभग ₹1 लाख करोड़ की वार्षिक खरीदारी को नियंत्रित करेगा, जिसमें स्पेयर पार्ट्स, गोला-बारूद, रखरखाव सेवाएं और अन्य आवश्यकताएं शामिल हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मैनुअल को मंजूरी देते हुए कहा कि यह दस्तावेज़ स्वदेशीकरण, नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा। इससे तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ेगा और निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आएगी, जिससे सैन्य तत्परता में सुधार होगा। मैनुअल में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के लिए एक नया अध्याय जोड़ा गया है, जो स्वदेशी उद्योगों को प्राथमिकता देने पर केंद्रित है।
यह मैनुअल 2009 में जारी किए गए पिछले संस्करण का स्थान लेगा और सशस्त्र बलों की आधुनिक युद्ध आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने इस मैनुअल को सशस्त्र बलों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श करके संशोधित किया है।