दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार, 31 मई 2025 को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले से संबंधित ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी।
न्यायमूर्ति रविंदर दुडेजा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यादव आरोप तय करने की प्रक्रिया के दौरान ट्रायल कोर्ट में अपनी दलीलें पेश कर सकते हैं।
यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत आवश्यक पूर्व स्वीकृति प्राप्त किए बिना जांच शुरू की, जिससे पूरी कार्यवाही अवैध हो जाती है।
सीबीआई ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि धारा 17ए की आवश्यकता नहीं है और धारा 19 के तहत आवश्यक स्वीकृति पहले ही प्राप्त की जा चुकी है।
यह मामला 2004 से 2009 के बीच यादव के रेल मंत्री कार्यकाल के दौरान रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन प्राप्त करने के आरोपों से संबंधित है।
ट्रायल कोर्ट में इस मामले में आरोप तय करने की सुनवाई 2 जून को निर्धारित है।