आंध्र प्रदेश की पूर्व YSRCP सरकार पर लगे शराब नीति घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झंडा बुलाया है। ₹3,500 करोड़ के कथित किकबैक और धनशोधन के आरोपों की जांच करते हुए आज ED ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक एवं दिल्ली-एनसीआर में लगभग 20 स्थानों पर छापेमारी की है।
इन छापों का मकसद उन संगठनों, व्यक्तियों और कंपनियों को पकड़ना है जो झूठे या अधिक मूल्य वाले चालानों (bogus/inflated invoices) के ज़रिए किकबैक की धनराशियाँ भेजने/रिसीव करने में शामिल हैं।
ईडी की कार्रवाई PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के दायरे में है, जो AP पुलिस की SIT द्वारा दर्ज एक FIR की बुनियाद पर शुरू हुई। अभियोजन सिलसिले में अब तक तीन चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं, जिसमें कुछ बड़े नाम सामने आए हैं।
आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री Y. S. Jagan Mohan Reddy इस मामले के लाभार्थियों में से हैं — कहा गया है कि प्रतिमाह ₹50-₹60 करोड़ की राशि उनके हिस्से में जाती थी। हालांकि, अभियोजन पत्र (prosecution complaint) में उनका नाम अभी तक आरोपी के रूप में नहीं है।
छापेमारी किए गए प्रतिष्ठानों में शामिल हैं ज्वेलरी कंपनियाँ, पैकेजिंग उद्योग, बॉटलिंग यूनिट्स, पैकेजिंग सामग्री तैयार करने वाले उद्यम, आदि।
घटना ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। विपक्षी दलों ने इस मामले को संस्थागत भ्रष्टाचार और नीतिगत निर्णयों की पारदर्शीता पर प्रश्न खड़े करने वाला बताया है। सरकार की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है।