भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। इसके तहत, अब कोई भी राजनीतिक विज्ञापन—चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हो—को प्रसारित करने से पहले मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (MCMC) से पूर्व स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
इस कदम का उद्देश्य चुनाव प्रचार में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और “पेड न्यूज” जैसे दुष्प्रचार से बचाव करना है। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिना MCMC की स्वीकृति के कोई भी राजनीतिक विज्ञापन इंटरनेट या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित नहीं किया जा सकेगा।
इसके अतिरिक्त, आयोग ने उम्मीदवारों से उनके आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल की जानकारी नामांकन पत्र में शामिल करने का निर्देश दिया है। यह कदम सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए उठाया गया है, ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा है कि उम्मीदवारों को चुनावी खर्चों की रिपोर्ट 75 दिनों के भीतर प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें सोशल मीडिया और ऑनलाइन विज्ञापनों का खर्च भी शामिल होगा।