उत्तराखंड में हाल में संपन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद भी लगभग 32,000 पद खाली रह गए हैं। इनमें 20 ग्राम प्रधान, 2 क्षेत्र पंचायत सदस्य, और लगभग 32,000 ग्राम पंचायत सदस्य शामिल हैं।
इन रिक्त पदों के कारण कई पंचायतों का पूर्ण गठन नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने इन पदों पर एक महीने के भीतर उपचुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। सभी जिलों से रिक्त पदों की सूचना प्राप्त कर ली गई है और चुनाव प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है।
हालाँकि आयोग इन चुनावों को लेकर आगे नहीं बढ़ पा रहा क्योंकि राज्य कई क्षेत्रों में हाल ही में आए प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित है, जिससे चुनावी परिस्थितियों में बाधा उत्पन्न हो रही है। आपदा के प्रभाव वाले स्थानों का इंतजार किया जा रहा है, ताकि चुनाव सुरक्षित और सुचारू रूप से आयोजित हो सकें। जैसे ही हालात सामान्य होंगे, आयोग अधिसूचना जारी कर जाएगा।
यह निर्णय पंचायतों के गठन को पूर्ण करने और स्थानीय प्रशासन को सक्रिय बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है। बिहार के पंचायतों में जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति के कारण विकास योजनाएं और सरकारी कार्यवाही प्रभावित हो रही हैं—उपचुनावों से इस कमी को दूर करने की उम्मीद है।