भारत में एलन मस्क की स्टारलिंक को मिली बड़ी मंजूरी, अब गांव-गांव पहुंचेगा सैटेलाइट इंटरनेट

भारत सरकार ने एलन मस्क की Starlink को वाणिज्यिक उप-ге कॉम्युनिकेशन सेवा के तहत GMPCS लाइसेंस प्रदान कर दिया है। यह डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) से मिली एक महत्वपूर्ण मंजूरी है, जिससे Starlink भारत में सैटेलाइट-आधारित ब्रॉडबैंड सुविधा लॉन्च करने के बेहद करीब पहुंच गया है ।

अब लाइसेंस के बाद Starlink को स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन करना होगा, स्पेस रेगुलेटर से मंजूरी लेनी होगी, सुरक्षा जांच पूरी करनी होगी और ग्राउंड स्टेशनों का नेटवर्क खड़ा करना होगा। इन प्रक्रियाओं को पूरा होने और परीक्षण सफल होने में कुछ महीने लगने की संभावना है ।

इस मंजूरी के साथ ही Starlink देश का तीसरा सैटेलाइट इंटरनेट प्रदाता बन गया है — पहले केवल OneWeb (Eutelsat-backed) और Reliance Jio के उपग्रह साझेदारी मॉडल के साथ ही प्लेटफॉर्म पर थे । मार्च में Jio और Bharti Airtel ने Starlink के उपकरणों की बिक्री के लिए समझौता किया था, जिससे ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों तक तेज़ इंटरनेट पहुंचने की उम्मीद बन गई है ।

हालांकि भारत में सबसे सस्ता मोबाइल डेटा है, जो Starlink के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, फिर भी विशेषज्ञ इसे ग्रामीण कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है कहते हैं।

यूनियन कम्युनिकेशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिन्धिया के अनुसार, जल्द ही स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद Starlink के व्यापक परिचालन की शुरुआत होगी।

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