उत्तराखंड की सियासत में ताजा सनसनी तब मची जब पूर्व विधायक सुरेश राठौड़ ने अपनी कथित दूसरी शादी को लेकर प्रेस वार्ता में स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी की है । यह खुलासा खास तौर पर इसलिए चर्चा में आया क्योंकि राज्य ने फरवरी 2024 में देश में पहले UCC (Uniform Civil Code) को लागू किया था, जिसमें एक साथ दो विवाह करना गैरकानूनी है ।
इस मामले पर विपक्ष कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा, आरोप लगाते हुए कहा कि UCC सिर्फ राजनीतिक विरोधियों पर लागू होता है, जबकि अपने नेता की गलती पर सियासी दायित्वों को नकार दिया गया ।
बड़े दबाव के बीच, बीजेपी ने राठौड़ को “अशोभनीय आचरण” के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्होंने सात दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया है । नोटिस में आरोप लगाया गया है कि उनके बयान और सोशल मीडिया पर दिए गए बयानों से पार्टी की नैतिक छवि धूमिल हुई और अनुशासन का उल्लंघन हुआ है ।
राठौड़ ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि उन्होंने कोई “अशोभनीय” टिप्पणी नहीं की और उन्होंने शादी को लेकर स्पष्ट साक्ष्य भी नहीं देखे गए। उन्होंने अनुमान लगाया कि UCC के नियमों का उल्लंघन साबित किए बिना उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है ।
यह विवाद न सिर्फ बीजेपी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है, बल्कि राज्य में लागू UCC को लेकर राजनैतिक गर्माहट भी बढ़ा रहा है।