उत्तराखंड में धर्मांतरण पर आजीवन कारावास, विवाह पंजीकरण शुल्क छूट अब 2026 तक

उत्तराखंड सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून—Uttarakhand Freedom of Religion (Amendment) Bill-2025—में संशोधन को मंजूरी दी है, जिससे इसे और कड़ा बनाया गया है। अब अनैच्छिक धर्मांतरण पर जीवनभर की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यह कार्रवाई गैर-ज़मानती (non-bailable) कर दी गई है, और धर्मांतरण से जुड़े अपराधों के आरोपी को बिना वारंट के गिरफ़्तार किया जा सकता है।

जिला मजिस्ट्रेट को आरोपी की ज़मीन जब्त करने का अधिकार भी प्राप्त है, जिससे कानून प्रवर्तन में और तेज़ी आएगी। “वादा-शादी”, “उपहार”, “नौकरी” या “शिक्षा” जैसे तरीकों से धर्म परिवर्तन करवाना भी अपराध माना जाएगा। सरकार का कहना है कि यह कदम सामाजिक ताना-बाना बचाने और धर्मांतरण के ज़रिए धोखाधड़ी रोकने के लिए उठाया गया है।

साथ ही, उत्तराखंड सरकार ने UCC के तहत विवाह पंजीकरण शुल्क में छूट की समयसीमा को बढ़ाकर 26 जनवरी 2026 तक कर दिया है। हालांकि Common Service Centres (CSC) का उपयोग करने पर नागरिकों को केवल ₹50 (GST सहित) खर्च करना होगा। यह विस्तार विवाह पंजीकरण को सरल और लोगों तक पहुँचने योग्य बनाने की पहल है।

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