मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक व्यक्ति, जिसने ब्रिटिश हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जॉन कैम के नाम से अपनी पहचान बनाई थी, को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उसने फर्जी चिकित्सक बनकर कम से कम सात मरीजों की मौत का कारण बना।
वास्तव में, यह व्यक्ति नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है, जिसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मिशन अस्पताल में जनवरी से फरवरी 2025 के बीच 15 जटिल हृदय सर्जरी कीं। इनमें से कम से कम सात मरीजों की एक महीने के भीतर मृत्यु हो गई।
यादव ने अपनी पहचान को विश्वसनीय बनाने के लिए बालों को सुनहरा रंग दिया और लंदन के सेंट जॉर्ज अस्पताल से फेलोशिप का दावा किया। हालांकि, ब्रिटेन के वास्तविक डॉ. जॉन कैम ने इस धोखाधड़ी के बारे में बताते हुए कहा कि यह समस्या लगभग पांच साल पहले शुरू हुई थी, जब यादव ने उनके नाम का उपयोग करना शुरू किया था। दमोह के पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने पुष्टि की कि यादव के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं और उसे प्रयागराज, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले की जांच शुरू की है, जिसमें सरकारी स्वास्थ्य योजना के धन के दुरुपयोग और अस्पताल के अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाएगी। यह घटना चिकित्सा क्षेत्र में प्रमाणिकता और सत्यापन की आवश्यकता को उजागर करती है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।