देश

चायवाले से लाल किले तक: पीएम मोदी के वो शब्द जिन्होंने देश को छू लिया

चायवाले से लाल किले तक: पीएम मोदी के वो शब्द जिन्होंने देश को छू लिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस भाषण में देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने जीवन की यात्रा को साझा करते हुए कहा कि वह गुजरात के एक छोटे से चायवाले के बेटे थे, जो आज देश के प्रधानमंत्री बने हैं। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत की साकारात्मकता और संघर्ष की मिसाल बताया।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘नया भारत’ और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्रमुखता से रखा। उन्होंने राष्ट्रहित को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि देश की प्रगति के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने महिला सुरक्षा, किसानों की भलाई, और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी जोर दिया।

इस भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की भूमिका की सराहना की और इसे ‘दुनिया का सबसे बड़ा NGO’ बताया, जो राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहा है।

उनके इस भाषण को विपक्ष ने राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित करार दिया, जबकि समर्थकों ने इसे प्रेरणादायक और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से भरा हुआ बताया।

प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण उनके नेतृत्व की दृढ़ता, राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता और विकास की दिशा में उनकी स्पष्ट सोच को दर्शाता है।

Exit mobile version