हाल ही में, चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों को चेतावनी दी है कि वे ‘वोट चोरी’ जैसे आरोप लगाने से बचें और यदि ऐसा कोई दावा करते हैं तो उसके समर्थन में ठोस सबूत पेश करें। आयोग ने स्पष्ट किया कि बिना प्रमाण के आरोप चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित कर सकते हैं और इससे लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है।
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा, “राजनीतिक दलों को अपनी शिकायतों और आरोपों के लिए उचित प्रमाण प्रस्तुत करना चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि आयोग किसी भी तरह के अनुशासनहीनता या गलत सूचना के प्रसार को गंभीरता से लेता है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करेगा।
यह कदम चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे चुनावी माहौल को सकारात्मक बनाए रखें और बिना प्रमाण के आरोपों से बचें।
इस चेतावनी के बाद, विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया है और कहा है कि वे अपनी शिकायतों के लिए उचित प्रमाण प्रस्तुत करेंगे।