सोमवार को संसद के मानसून सत्र में, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पियुष गोयल ने लोकसभा में जन विश्वास (संशोधन प्रावधान) विधेयक, 2025 पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य छोटी-छोटी अपराधों को अपराधाधीनता से बाहर कर उन्हें सुधार आधारित व्यवस्था में लाना है, जिससे नागरिकों व कारोबारियों की जीवन-शैली में सुधार हो सके और “विश्वास-आधारित शासन” को बल मिले ।
यह नई नाव विधेयक 350 से अधिक प्रावधानों में सुधार का प्रस्ताव लेकर आया है, जो पिछले 2023 के जन विश्वास एक्ट की अगली कड़ी है—जिसमें 42 केंद्रीय कानूनों में 183 प्रावधानों से आपराधिक प्रवर्तन हटाकर ज्यादा आसान नियम बनाए गए थे । इस बार पहली बार किए गए उल्लंघन पर “सुधार नोटिस” जारी किए जाने का प्रावधान है, जबकि दूसरे उल्लंघन पर ही जुर्माना लागू होगा—जिससे “बताओ–सुधारो–दंडित करो” की व्यवस्था प्रभावी होगी।
विधेयक लोकसभा में पेश होने के बाद चयन समिति (Select Committee) को भेजा गया है, जो अगले सत्र की पहली तारीख तक रिपोर्ट सौंपेगी । यह विधेयक सरकार की व्यापक सुधार पहल—“विकसित भारत 2047” की दिशा में कानूनों को सरल करने और व्यापार-पर्यावरण को सुगम बनाने की रणनीति का हिस्सा है ।