कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जेफ़्री सैक्स ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाए गए भारी शुल्कों की कड़ी आलोचना की है। सैक्स ने इसे अमेरिकी विदेश नीति की “सबसे मूर्खतापूर्ण सामरिक चाल” (stupidest tactical move in US foreign policy) करार देते हुए कहा कि इससे भारत ही नहीं, बल्कि BRICS देशों का एकीकरण (Brazil, Russia, India, China, South Africa) भी मजबूत हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, “ये शुल्क रणनीति नहीं, तोड़फोड़ है”—यह कदम अमेरिका के अपने हितों के खिलाफ जा रहा है। सैक्स ने इन शुल्कों को अमेरिकी नीति में कट्टर धोखा और आर्थिक दृष्टिकोण से आत्मघाती बताया।
सैक्स ने यह भी बताया कि यह शुल्क न केवल व्यापार को प्रभावित कर रहा है, बल्कि अमेरिका-भारत संबंधों में भरोसे को भी क्षति पहुंचा रहा है। उन्होंने यह चेतावनी दी कि “भारत ने सीख लिया है: आप अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकते,” भले ही बाद में शुल्क हट जाएँ।
सैक्स ने ट्रम्प की मूल सहयोगी रणनीतियों—जैसे अमेरिकी रक्षा या व्यापार गठबंधनों पर आधारित—की बजाय चीन, रूस और ब्राज़ील को भारत के “वास्तविक साझेदार” बताया। उन्होंने डेमोक्रेसी और बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया।