रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को सख्त चेतावनी दी है कि भारत किसी भी तरह के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जब देश की संप्रभुता और स्वाभिमान की बात हो, तो कोई दबाव अस्वीकार्य है। इस बयान में पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की और उन्हें एक “दूरदर्शी और निर्भीक नेता” बताया।
पुतिन ने यह टिप्पणी उस समय की है जब अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बना रहा है कि वह रूसी तेल की खरीद को बंद करे। इस प्रकार की दबाव नीति पर पुतिन ने यह चेतावनी दी है कि यदि अन्य देशों पर ऐसे शुल्क लगाए जाएँ, तो इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन जैसी महत्वाकांक्षी अर्थव्यवस्थाएँ अपने निर्णय खुद लेने में सक्षम हैं और उन्हें किसी बाहरी शक्ति द्वारा चले जाने की अनुमति नहीं देंगे।
भारत की ओर से भी इस मामले में स्पष्ट रुख देखने को मिला है। केंद्र सरकार ने बताया कि भारतीय तेल कंपनियाँ स्वतंत्र रूप से अपनी खरीद निर्णय लेती हैं और रूस से तेल आयात पूरी तरह वैध और पारदर्शी प्रक्रिया से हो रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत को अमेरिकी आलोचना समझ नहीं आती और यह उसके ऊर्जा स्वार्थ का मामला है, न कि किसी राजनीतिक दबाव का विषय। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह दृश्य इस बात को भी रेखांकित करता है कि भारत अपनी विदेश नीति में “स्वतंत्र और संतुलित” रुख अपनाना चाहता है, न कि किसी एक ध्रुवीकरण का हिस्सा बनना।