GST 2.0 से नई रफ्तार: भारतीय अर्थव्यवस्था को मिली तीसरी बड़ी जीत

भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली कर सुधार प्रणाली गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) का नया अध्याय—GST 2.0—केंद्र सरकार के लिए आर्थिक हैट्रिक साबित हुआ है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि GST संग्रह लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है और राजस्व वृद्धि ने सरकार की नीतियों पर निवेशकों का भरोसा और मजबूत किया है।

GST 2.0 का मकसद कर ढांचे को सरल बनाना, पारदर्शिता बढ़ाना और टैक्स चोरी पर अंकुश लगाना है। डिजिटल तकनीक और डेटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल से टैक्स कलेक्शन पहले से अधिक कुशल हुआ है। अगस्त महीने में जीएसटी संग्रह अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा, जिससे साफ है कि आर्थिक गतिविधियां तेज़ी से बढ़ रही हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुधार केवल राजस्व तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे आम भारतीयों को भी लाभ होगा। पारदर्शी प्रणाली से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, कीमतें स्थिर होंगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। इसके अलावा, राज्यों की वित्तीय स्थिति भी मजबूत होगी, जिससे विकास परियोजनाओं पर तेजी से काम हो सकेगा।

सरकार का दावा है कि GST 2.0 भारत को वैश्विक निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा और अगले कुछ वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को $5 ट्रिलियन लक्ष्य की ओर ले जाने में अहम भूमिका निभाएगा।

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