प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1978 बैचलर ऑफ आर्ट्स (BA) डिग्री से संबंधित जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 अगस्त 2025 को केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) को यह जानकारी आरटीआई आवेदनकर्ता को देने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने DU की याचिका को स्वीकार करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को रद्द किया। दिल्ली विश्वविद्यालय ने तर्क दिया था कि यह जानकारी “तीसरे पक्ष की व्यक्तिगत जानकारी” है और आरटीआई के तहत सार्वजनिक नहीं की जा सकती। हालांकि, विश्वविद्यालय ने अदालत में डिग्री दिखाने पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
इससे पहले, गुजरात हाई कोर्ट ने भी इसी तरह के एक मामले में केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को खारिज किया था। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि व्यक्तिगत शैक्षणिक जानकारी की गोपनीयता आरटीआई के दायरे से बाहर है।
यह मामला प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षिक योग्यताओं के सार्वजनिक प्रकटीकरण को लेकर चल रहे विवाद का हिस्सा है।