IISc शोधकर्ताओं का बड़ा कदम: बायोमास आधारित ग्रीन हाइड्रोजन पर वैश्विक ध्यान

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के शोधकर्ताओं ने जैवमास से हरित हाइड्रोजन उत्पादन की एक अभिनव तकनीक विकसित की है। इस प्रक्रिया में, 1 किलोग्राम जैवमास से 100 ग्राम हाइड्रोजन उत्पन्न किया जा सकता है, जबकि सामान्यतः 1 किलोग्राम जैवमास में केवल 60 ग्राम हाइड्रोजन होता है। यह प्रक्रिया पर्यावरण के लिए लाभकारी है, क्योंकि इससे ठोस कार्बन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे उपोत्पाद निकलते हैं, जिन्हें अन्य उत्पादों में उपयोग किया जा सकता है।

IISc ने भारतीय तेल निगम (IndianOil) के साथ मिलकर इस तकनीक को व्यावसायिक स्तर पर लागू करने के लिए समझौता किया है, जिससे प्रतिदिन 0.25 टन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा, जिसका उपयोग हाइड्रोजन-चालित ईंधन सेल बसों में किया जाएगा।

यह पहल भारत में हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो स्टील उद्योग में डिकार्बोनाइजेशन, कृषि में हरित उर्वरकों के उत्पादन और अन्य क्षेत्रों में जीवाश्म ईंधन से उत्पादित हाइड्रोजन के स्थान पर हरित हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देगी।

मुख्य समाचार

देहरादून: सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड की बैठक

शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में...

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिग-21 की सेवा में हासिल की उपलब्धियों को याद किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन में...

Topics

More

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिग-21 की सेवा में हासिल की उपलब्धियों को याद किया

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन में...

    Related Articles