रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को गुजरात के भुज एयरफोर्स स्टेशन पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाली वित्तीय सहायता पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को दी जा रही IMF की $1 बिलियन की सहायता आतंकवादी गतिविधियों के लिए उपयोग हो सकती है, और इसे आतंकवाद वित्तपोषण के समान माना जाना चाहिए। सिंह ने IMF से पाकिस्तान को दी जा रही सहायता पर पुनर्विचार करने की अपील की।
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने मुरिदके और बहावलपुर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों को फिर से बनाने के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है। उन्होंने आशंका जताई कि IMF से प्राप्त धनराशि इन गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो सकती है।
भारत ने IMF के कार्यकारी बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान को दी जा रही सहायता के खिलाफ आपत्ति जताई थी और मतदान से परहेज किया था, यह दर्शाते हुए कि पाकिस्तान की सहायता आतंकवाद के लिए वित्तीय समर्थन के समान है।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि यदि वह आतंकवादियों को आश्रय देना बंद नहीं करता, तो भारत कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को IMF से सहायता मिलना, जबकि भारत IMF को वित्तीय योगदान देता है, एक असमान स्थिति है।