उत्तराखंड (हिमाचल से लीक हुई खबरों के बीच अब) देशभर में आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण के नए आयाम छू रहा है। पैमाना देखते ही बनता है—वित्त वर्ष 2023‑24 में रक्षा उत्पादन ₹1.27 लाख करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले साल की तुलना में 16.7 % की जबरदस्त वृद्धि है । इसके साथ ही वर्ष 2024‑25 में देश ने ₹1.46 लाख करोड़ का अभूतपूर्व उत्पादन दर्ज किया और निर्यात भी ₹24,000 करोड़ को पार कर गया ।
इस उल्लेखनीय सफलता के पीछे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे कार्यक्रमों के प्रभावशाली नीतिगत बदलाव हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि उत्पादन वृद्धि में लगभग 79 % योगदान सार्वजनिक क्षेत्र औद्योगिक उपक्रमों (DPSUs/PSUs) का है, जबकि निजी क्षेत्र ने 20 % से अधिक हिस्सा लिया। उनके अनुसार, इस दशक में रक्षा बजट ₹2.53 लाख करोड़ से ₹6.81 लाख करोड़ तक बढ़ गया, और इस दौरान 193 रक्षा अनुबंध भी किए गए, जिनमें से अधिकांश देश के अंदरूनी उद्योगों के हाथों में गए ।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस वृद्धि को “रोमांचक” और “धमाकेदार” बताया, क्योंकि भारत ने अब तक 5,600 से अधिक रक्षा सामान को देश में ही खरीदने की व्यवस्था लागू की है और लगभग 100 देशों में हथियार निर्यात शुरू कर दिया है । इस छलांग के साथ सरकार का लक्ष्य यह है कि अगली पाँच वर्षों में रक्षा निर्यात ₹50,000 करोड़ तक पहुँच जाए।
इस पूरी प्रक्रिया ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सुरक्षा और आर्थिक क्षमताओं को मजबूती दी है। PM मोदी की अगुवाई में यह कदम न सिर्फ देश को सशक्त करता है बल्कि आत्मनिर्भरता और विश्वस्तरीय रक्षा विनिर्माण में नई ऊँचाइयों का सूत्रपात भी करता है।