संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारत ने बुधवार को पाकिस्तान को तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वह पहले अपनी अंतरआत्मा पर ध्यान दे — खासकर खैबर पख़्तूनख्वा (KPK) में कथित हवाई हमलों पर। भारत के प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान अपनी जनता पर बमबारी कर “अपनी कमजोरियाँ छिपा रहा है।”
त्यागी ने इस मंच का उपयोग करते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तान न केवल ‘आतंक निर्यात’ कर रहा है, बल्कि अवैध कब्ज़े और मानवाधिकारों के उल्लंघन में भी लिप्त है। उन्होंने सुझाव दिया कि पाकिस्तान को पहले अपनी अर्थव्यवस्था, राजनीतिक आज़ादी और मानवाधिकार रिकॉर्ड सुधारने पर ध्यान देना चाहिए, बजाय निराधार आरोप लगाने के।
भारत की यह टिप्पणी उसी पृष्ठभूमि में आई है, जहाँ 22 सितंबर को पाकिस्तानी वायु सेना द्वारा तिराह घाटी, KPK में हवाई हमले की खबरें सामने आईं, जिसमें लगभग 30 नागरिकों की मौत बताई गई। ऐसे हमलों ने पहले ही पाकिस्तान की सुरक्षा नीति और अंतरराष्ट्रीय छवि पर प्रश्न खड़े कर दिए थे।
इस बहस ने एक राजनीतिक और कूटनीतिक झड़प को जन्म दे दिया: भारत ने न सिर्फ हमलों की निंदा की, बल्कि पाकिस्तान को “अपने लोगों पर हमले बंद करे” कहकर नसीहत दी। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि यूएन मंच अब सिर्फ कानूनी या मानवाधिकार मुद्दों का स्थान नहीं रहा — यहाँ देश अपनी विदेश नीति, सुरक्षा और नैतिक दावों को भी सामने लाते हैं।