भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में घरेलू स्रोतों से लगभग ₹1,20,000 करोड़ की सैन्य हार्डवेयर एवं हथियार खरीदे हैं, जिससे देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को बल मिला है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह जानकारी एक कार्यक्रम में दी।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने अंदरूनी उत्पादन (indigenous manufacturing) को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत पहलें की हैं। इन पहलों के अंतर्गत आधुनिक युद्ध की चुनौतियों, जैसे कि ड्रोन और प्रतिद्रोन प्रणालियों, और वायु रक्षा (air-defense) प्रणालियों के महत्व को ध्यान में रखा गया है।
राजनाथ सिंह ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में देश ने लगभग ₹74,000 करोड़ का रक्षा हार्डवेयर घरेलू स्रोतों से अधिग्रहित किया था। लेकिन 2024-25 तक यह आंकड़ा ₹1,20,000 करोड़ के करीब पहुंच गया है, जो सिर्फ राशि का बढ़ना नहीं बल्कि मानसिकता (mindset) में बदलाव का संकेत है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि आधुनिक युद्ध का स्वरूप बदल रहा है। अब गैर-संलग्न युद्ध (non-contact warfare) जैसे कि ड्रोन का लंबा-परिचालन (long-range drone use), एंटी-ड्रोन तकनीक आदि पर ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
इस तरह की बढ़ी हुई घरेलू खरीदारी न सिर्फ रक्षा बजट की बचत करती है, बल्कि स्थानीय उद्योगों को भी प्रोत्साहन देती है, जिससे देश की रक्षा-उद्योग आधार मजबूत होता है और आयात-निर्भरता कम होती है।