भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताएं एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि दोनों देशों ने वार्ता को जुलाई की डेडलाइन से पहले और विस्तार देने का फैसला किया है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब कई प्रमुख मुद्दों पर सहमति बननी बाकी है, जिनमें शुल्क दरें, डेटा सुरक्षा, डिजिटल व्यापार, और कृषि वस्तुओं की एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट नीतियां शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों की टीमें लगातार संवाद में हैं और कई बिंदुओं पर प्रगति भी हुई है, लेकिन कुछ संवेदनशील मुद्दों पर अंतिम निर्णय लेना बाकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता न केवल द्विपक्षीय व्यापार को गति दे सकती है बल्कि रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत बनाएगी।
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह देश के हितों से समझौता किए बिना पारदर्शी और संतुलित समझौता चाहती है। वहीं अमेरिका की ओर से यह संकेत मिला है कि वह भारत को व्यापार का भरोसेमंद साझेदार मानता है।
अब सबकी नजरें जुलाई की समयसीमा पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि यह वार्ता ऐतिहासिक समझौते में बदलेगी या और समय मांगेगी।