भारत के पूर्व प्रमुख डिजाइनर और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक कोटा हरिनारायण ने कहा है कि भारत अगले कुछ वर्षों में लड़ाकू विमान निर्माण में आत्मनिर्भर बन जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के विकास में हासिल तकनीकी क्षमताओं और मजबूत निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के चलते यह संभव होगा।
इसके अलावा, तेजस के बढ़ते उपयोग और मिग-21, 23 और 27 जैसे पुराने विमानों की जगह लेने की योजना से भी आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा। हरिनारायण ने यह भी कहा कि भारत निकट भविष्य में रक्षा उत्पादों का निर्यातक बन सकता है।
उन्होंने गोपालपुर में भर्गवास्त्र, एक किफायती एंटी-ड्रोन प्रणाली के सफल परीक्षण की सराहना की, जो स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को दर्शाता है। उनके अनुसार, स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग भारत की बढ़ती क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।