भारत‑पाक सीमा के खुफिया हालात को देखते हुए भारतीय सेना ने अमरनाथ तीर्थयात्रा के सुरक्षा इंतज़ामों को और सुदृढ़ किया है। इस वर्ष ‘ऑपरेशन शिवा’ के तहत 50,000 से अधिक CRPF कर्मियों की तैनाती करते हुए 581 कंपनियों को तीर्थयात्रा मार्गों पर लगाए गए हैँ । इनमें ड्रोन, जैमर, बम निरोधक दस्ते और K9 यूनिट्स भी शामिल हैं, ताकि आतंकवादी हमलों की संभावना को न्यूनतम किया जा सके ।
सेना ने उत्तर और दक्षिण मॉर्चों—बालटाल व पahalगम—पर विशेष निगरानी तैनात कर दी है। इसमें 3‑tier सुरक्षा व्यवस्था, एयर डिफेंस सिस्टम, रडार और क्वाडकॉप्टर ड्रोन शामिल हैं, जो संचार-जाल, रूट क्लियरेंस और खतरे की तुरंत सूचना प्रदान करते हैं । साथ ही हेल्थ इमरजेंसी हेतु हेलिपैड और बुलेटप्रूफ ‘मार्क्समैन’ वाहन भी उपलब्ध किए गए हैं ।
MANOJ सिन्हा और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साझा नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं, जिसमें सेना, पुलिस और सीआरपीएफ़ शामिल हैं। साथ ही मानिटरिंग में 24×7 कैमरे, डिजिटल आईडी और रोड ब्लॉकिंग की व्यवस्था भी शामिल है ।
इस व्यापक सुरक्षा कवच के साथ, इस वर्ष की यात्रा—3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलने वाली—को भारत की अब तक की सबसे सुरक्षित अमरनाथ यात्रा बनाने की कोशिश की जा रही है। इन कदमों से दिखता है कि भारत आतंकवाद और अस्थिरता को लेकर बिल्कुल भी कोई समझौता नहीं करेगा।