कांग्रेस ने शनिवार को मोदी सरकार की विदेश नीति की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से ढह चुकी है। पार्टी ने आरोप लगाया कि विदेश दौरे फेल रहे और कोई भी देश, जिसमें कांग्रेस की प्रतिनिधिमंडलीय टीम गई, पाकिस्तान की आतंकवाद पर उंगली नहीं उठाई।
दल ने यह भी कहा कि यूएस अध्यक्ष ट्रम्प द्वारा भारत–पाकिस्तान सीज़फ़ायर मध्यस्थता का उल्लंघन यह दर्शाता है कि हमारी “सबसे भरोसेमंद मित्र” रूस ने स्पष्ट कर दिया कि भारत के पास पर्याप्त समर्थन नहीं था । राहुल गांधी और पवन खेड़ा सहित नेताओं ने यह बयान Operation Sindoor के संदर्भ में दोबारा दोहराया, जिसमें ट्रम्प के निर्देशानुसार डंडे की वापसी का उल्लेख किया गया था।
कांग्रेस ने यह सवाल उठाया कि क्या भारत की विदेश नीति “मजबूत संकल्प” या सिर्फ आड़ में घरेलू स्वरोन्मुखी संदेश है। इसे यथार्थवाद का अभाव बताते हुए कहा गया कि नीति अक्सर सहज, तत्काल समाधान वाली और असंगठित दिखती है जो दीर्घकालिक रणनीति में विफल साबित हुई है ।
इस आलोचना में यह झलकती है कि विपक्ष सरकार की जवाबदेही और अंतरराष्ट्रीय छवि को लेकर चिंतित है।