सूत्रों के अनुसार, भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत कराची बंदरगाह पर हमले की योजना बनाई थी, जिसमें INS विक्रांत के नेतृत्व में 36 युद्धपोत शामिल थे। इसमें 8-10 युद्धपोत, 7 ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस विध्वंसक, 7 स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट्स, 6 पनडुब्बियां और तेज़ हमला नौकाएं शामिल थीं।
यह तैनाती भारतीय नौसेना की सबसे बड़ी वास्तविक-समय की संचालन मूवमेंट्स में से एक मानी जाती है। पाकिस्तान की नौसेना, जो वर्तमान में 30 से कम युद्धपोतों के साथ सीमित है, इस तैनाती के सामने प्रभावी प्रतिक्रिया देने में असमर्थ रही। इस स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक जहाजों को भी कराची के आसपास के तनावपूर्ण जलक्षेत्रों से बचने के लिए मार्ग बदलने पर मजबूर किया।
हालांकि, कराची पोर्ट ट्रस्ट के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने पहले भारतीय नौसेना के हमले के बाद महत्वपूर्ण क्षति की पुष्टि की थी, लेकिन बाद में यह ट्वीट हटा दिया गया और पाकिस्तान सरकार ने दावा किया कि खाता हैक हो गया था। इस घटना ने 1971 के युद्ध की यादें ताजा कर दीं, जब भारतीय नौसेना ने कराची पर हमला किया था।