ईरान का अमेरिका से परमाणु समझौते पर बयान: ‘यदि मांगें वास्तविक हों तो संभव’

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने शुक्रवार को कहा कि यदि अमेरिका वास्तविक और तर्कसंगत मांगें रखे, तो परमाणु समझौता संभव है। यह बयान रोम में होने वाली परमाणु वार्ता से पहले आया है। अराघची ने मास्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम केवल परमाणु मुद्दे पर बातचीत करेंगे, अन्य मुद्दों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि अमेरिका गंभीरता दिखाता है और अवास्तविक मांगें नहीं करता, तो समझौता संभव है। ​

ईरान ने पहले ही स्पष्ट किया है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम की कुछ सीमाओं को स्वीकार करने के लिए तैयार है, लेकिन यह सुनिश्चित चाहता है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पुनः निर्वाचित होने पर किसी नए समझौते से बाहर न निकलें। ईरान का कहना है कि ट्रंप के 2018 में परमाणु समझौते से बाहर निकलने और कड़े प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के बाद, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि भविष्य में ऐसा न हो। ​

रूस ने भी मध्यस्थता की पेशकश की है, और ईरान ने रूस से समर्थन की अपील की है। रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने परमाणु मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। ​

यह वार्ता ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ते तनाव के बीच हो रही है, और दोनों देशों के बीच समझौते की संभावना पर वैश्विक समुदाय की निगाहें टिकी हैं।

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