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क्या तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग? अगर ऐसा हुआ तो किसका साथ देगा भारत?

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रूस और यूक्रेन के बीच जंग लगातार खतरनाक रूप ले रही है. ना तो रूस पीछे हटने के लिए तैयार न ही यूक्रेन. इस बिगड़ते संबंधों को देख के माना जा रहा है कि अगर यह जंग कुछ दिन और जारी रहती है तो तीसरे विश्व युद्ध का रूप ले सकती है.

रुसी हमले का यूक्रेन भी पूरी ताकत से सामना कर रहा है. रविवार को उसने दावा किया कि उसने रूस के 3500 सैनिकों को मार गिराया है और 200 को युद्ध बंदी बना लिया है. वहीं यूक्रेन के 352 नागरिकों की रूसी हमलों में मौत की खबर है. इनमें 14 बच्चे शामिल हैं. अब तक 1684 लोग घायल हुए हैं. इनमें 116 बच्चे हैं.

संकट के इस दौर में हम आपको बता रहे हैं कि दुनिया के कौन-कौन से देश रूस और यूक्रेन के साथ हैं. वहीं, इस मामले में भारत और पाकिस्तान का क्या रुख है? 

कौन-कौन से देश कर रहे रूस का समर्थन?

अगर रूस की बात करते हैं तो क्यूबा और चीन सबसे पहले उसका समर्थन करेगा. चीन पहले ही एलान कर चुका है कि नाटो यूक्रेन में मनमानी कर रहा है. इसके अलावा कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहे अर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस भी रूस का समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्होंने छह देशों के सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन पर हस्ताक्षर किए हैं. इसका मतलब यह है कि अगर रूस पर हमला होता है तो ये देश इसे खुद पर भी हमला मानेंगे. इनके अलावा अजरबेजानइ और ईरान भी रूस की मदद के लिए आगे आ सकता है.

वहीं, पाकिस्तान भी रूस का समर्थन कर सकता है, क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस वक्त रूस के दौरे पर हैं.

कौन-कौन से देश करेंगे यूक्रेन का समर्थन?

अब हम यूक्रेन की बात करें तो ऐसी स्थिति में नाटो में शामिल यूरोपियन देश बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, ब्रिटेन और अमेरिका पूरी तरह यूक्रेन का समर्थन करेंगे. इनमें अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन के सबसे बड़े समर्थक साबित हो सकते हैं. जर्मनी और फ्रांस ने हाल ही में मॉस्को का दौरा करके विवाद शांत करने की कोशिश की थी, लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जब यूक्रेन के दो राज्यों को स्वतंत्र घोषित किया और वहां सेना भेजने का एलान किया, तब जर्मनी ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन की इजाजत को रोक दिया. वहीं, अन्य पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा दिए. इसके अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा भी यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने रूस पर प्रतिबंध लगाने का एलान भी किया.

अब हम उन देशों से रूबरू होते हैं, जो रूस-यूक्रेन संकट पर तटस्थ की भूमिका में मौजूद हैं.

इस मामले पर भारत अकेला ऐसा देश है, जिसने तटस्थ रुख अपना रखा है. दरअसल, अमेरिका और रूस दोनों देशों से भारत के रिश्ते काफी अच्छे हैं. भारत की जीडीपी का 40 फीसदी हिस्सा फॉरेन ट्रेड से आता है. भारत का अधिकतर कारोबार अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों के अलावा मिडिल ईस्ट से होता है. आपको बता दें कि रूस और भारत के बीच भी 10 से 12 बिलियन डॉलर का कारोबार ह.

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