भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA ने 13-14 मई 2025 को बेंगलुरु में चंद्रयान-5/लुपेक्स (LUPEX) मिशन को लेकर तीसरी तकनीकी बैठक (TIM-3) आयोजित की। इस बैठक में ISRO, JAXA और मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज (MHI) के वरिष्ठ अधिकारी, परियोजना कार्यकारी और तकनीकी टीम के सदस्य शामिल हुए।
चंद्रयान-5, जिसे लुपेक्स (LUPEX) भी कहा जाता है, भारत और जापान का संयुक्त चंद्र मिशन है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के स्थायी छाया वाले क्षेत्रों में जल और अन्य वाष्पशील पदार्थों का अध्ययन करना है। यह मिशन JAXA के H3-24L लॉन्च वाहन द्वारा लॉन्च किया जाएगा, जिसमें ISRO द्वारा निर्मित लैंडर और MHI द्वारा निर्मित जापानी रोवर शामिल होंगे।
ISRO इस मिशन के लिए लैंडर के साथ-साथ कुछ वैज्ञानिक उपकरणों का विकास भी करेगा। इसके अलावा, इस मिशन में ESA और NASA द्वारा भी वैज्ञानिक उपकरण प्रदान किए जाएंगे, जो चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में वाष्पशील पदार्थों की खोज और विश्लेषण में सहायक होंगे।
बैठक के दौरान, मिशन डिजाइन, लैंडिंग साइट चयन, पेलोड अनुकूलन, ग्राउंड सेगमेंट और संचार पहलुओं पर चर्चा की गई। इस मिशन को भारत सरकार से 10 मार्च 2025 को वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई थी।
चंद्रयान-5/लुपेक्स मिशन भारत के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने की दिशा में अग्रसर है।