पंजाब स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से तुर्की और अज़रबैजान के संस्थानों के साथ सभी शैक्षिक समझौतों को निलंबित कर दिया है। इस निर्णय के तहत छात्र और शिक्षक विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त शोध परियोजनाएं, द्वैतीय डिग्री पहल और अन्य सभी शैक्षिक सहयोगों को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है।
यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और तुर्की तथा अज़रबैजान द्वारा पाकिस्तान के प्रति समर्थन के मद्देनज़र उठाया गया है, विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद। LPU के संस्थापक चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने कहा, “जब हमारे वीर सशस्त्र बल अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, तो हम एक संस्था के रूप में चुप नहीं रह सकते।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “LPU का मिशन हमेशा भारत की वृद्धि और अखंडता के साथ मेल खाता है, और हम कभी भी किसी ऐसे संस्थान से जुड़ने का समर्थन नहीं करेंगे जो भारत की संप्रभुता को कमजोर करता है।”
यह निर्णय भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच बढ़ती राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूकता और अंतरराष्ट्रीय सहयोगों के प्रति संवेदनशीलता का संकेत है।