भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 9 मई को समाप्त हुए हफ्ते में 4.5 अरब डॉलर बढ़कर 690.62 अरब डॉलर हो गया है. आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए डेटा में यह जानकारी दी गई.
समीक्षा अवधि में विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख घटक विदेशी मुद्रा आस्तियों की वैल्यू 19.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 581.37 अरब डॉलर हो गई है. विदेशी मुद्रा आस्तियों में अमेरिकी डॉलर के अलावा अन्य मुख्य विदेशी मुद्राएं जैसे यूरो, पाउंड और येन शामिल होती हैं. 9 मई को समाप्त हफ्ते में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 45 लाख डॉलर बढ़कर 86.33 अरब डॉलर हो गई है.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार की वैल्यू 2.6 करोड़ डॉलर घटकर 18.53 अरब डॉलर रह गई. समीक्षाधीन हफ्ते में आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति भी 13.4 करोड़ डॉलर घटकर 4.37 अरब डॉलर रह गई.
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में किसी भी तरह की मजबूती से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूती मिलती है. विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार को दर्शाती है और इससे आरबीआई को रुपए में अस्थिरता आने पर उसे स्थिर करने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है.
इसके अतिरिक्त, भारत का निर्यात (गुड्स और सर्विसेज) अप्रैल में 12.7 प्रतिशत बढ़कर 73.80 अरब डॉलर हो गया है, जो कि पिछले साल 65.48 अरब डॉलर था. अप्रैल में भारत का गुड्स निर्यात 9.03 प्रतिशत बढ़कर 38.49 अरब डॉलर हो गया है. वहीं, सर्विस निर्यात अप्रैल में बढ़कर 35.31 अरब डॉलर हो गया है, जो कि पिछले साल अप्रैल में 30.18 अरब डॉलर था.
देश का इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स का निर्यात अप्रैल में 39.51 प्रतिशत बढ़कर 3.69 अरब डॉलर हो गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 2.65 अरब डॉलर था. वहीं, इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में भी दोहरे अंक में वृद्धि हुई है. यह 11.28 प्रतिशत बढ़कर 9.51 अरब डॉलर हो गया है, जो कि बीते साल अप्रैल में 8.55 अरब डॉलर था.